'दास्तानगो' की छोटी कहानियां पढ़ने में आपने जो रुचि दिखाई, उसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद.
अन्य लेखनकार्य की व्यस्तता के कारण कुछ समय तक ब्लॉग अपडेट नहीं किया जा सका। लेकिन अब नियमीत रूप से ब्लॉग अपडेट किया जाएगा। ज़रूर पढ़ें।
आप से अब तक प्राप्त सहयोग आगे भी जारी रहेगा इसका मुझे पूरा विश्वास है।
मराठी के 'आरंभ' ब्लॉग में प्रकाशित इन्हीं छोटी कहानियों को ईसाहित्य प्रकाशन द्वारा 'सूज्ञकथा' शीर्षक के साथ पुस्तक रूप में प्रकाशित किया गया है। ईसाहित्य की वेबसाइट पर यह पुस्तक मुफ्त वितरण के लिए इस लिंक पर उपलब्ध है
- http://www.esahity.com/uploads/5/0/1/2/501218/sudnyakathaa.pdf
एक और महत्वपूर्ण सूचना पाठकों को देना चाहूंगी। मराठी के लेखक साने गुरुजी की मशहूर कृति 'श्यामची आई' को हिंदी में लाने का सौभाग्य मुझे मिला। श्रेष्ठ मातृभक्ति से परिचित कराते हुए संवेदनशीलता को जगा कर मानवधर्म निभाने की प्रेरणा देनेवाला मराठी का यह युगांतरकारी कथात्मक उपन्यास अब 'श्याम की मां' शीर्षक से हिंदी में भी उपलब्ध है। परिवार के हर सदस्य को एक-सा आनंद देनेवाली, समृद्ध जीवनानुभवों से व्यक्तित्व को निखारनेवाली यह पुस्तक हरएक को पढ़नी चाहिए। आप पढ़ें, परिचितों को उपहार में दें। प्रभात प्रकाशन की वेबसाईट से यह पुस्तक मंगाई जा सकती है।
संपर्क के लिए ईमेल है - sandhyaship@gmail.com
इस ब्लॉग के बारे में आपकी राय ज़रूर जानना चाहूंगी।
-संध्या पेडणेकर
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-संध्या पेडणेकर